We can say that from ancient times till today, the status of women has not remained the same in different times, there have been continuous ups and downs in it. Before independence, women had only nominal rights. After getting independence, many laws were made by the government for the protection of women. As a result, women have made progress in various fields, but this bitter truth cannot be denied that even today the condition of crores of women is exploited, neglected and frustrated, their human rights are continuously being violated. In the words of Justice Krishna Iyer, “It is a stark fact that despite verbal rhetoric, women are subjected to such blatant discrimination and humiliation that we have fallen from humanity and this is the reality of man-woman relationship in India.
 Abstract in Hindi Language: 
 हम कह सकते है कि प्राचीन समय से लेकर आज तक विभिन्न कालों में स्त्रियों की स्थिति समान नहीं रही उसमें निरन्तर उतार-चढ़ाव आता रहा हैं। स्वतंत्रता से पूर्व महिलाओं केा केवल नाममात्र के अधिकार प्राप्त थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् महिलाओं के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा बहुत से कानून बनाए गए। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है परन्तु इस कटु सत्य से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज भी करोड़ो नारियों की स्थिति, शोषित, उपेक्षित एवं कुंठित है, उनके मानवाधिकारों का निरंतर उल्लंघन हो रहा हैं। न्यायाधीश कृष्ण अय्यर के शब्दों में, “यह एक कठोर सत्य है कि शाब्दिक लफ्फाजी के बावजूद महिलाएं ऐसे घोर भेदभाव और अपमान की शिकार हैं जिसे देखकर लगता है कि हम इंसानियत से गिर गए हैं और यही भारत में स्त्री-पुरूष संबंधों की वास्ततिकता हैं।
 Keywords: महिला, मानवाधिकार, उत्पीड़न: आज भी भय, शोषण और हिंसा।