Research paper 'Environment in contemporary Hindi literature is an important observation (in the present environment). There is a very close interrelationship between environment and man, it is also possible to imagine a person's life without nature, man and nature are complementary to each other. The components of nature, land, water, air, fire and sky, have created the existence of the entire human race. In this context, Goswami Tulsidas ji has also written in his Prabandha Kavya Ramcharitmanas-
 Chhiti Jal Pavak Gagan Samira |
 Panch Rachit Ati Adham Sarira ||
 Means, our life is made up of the components of nature, hence it is necessary that we always remain alert towards the conservation of nature. Human life can remain safe only by preserving nature and environment. 'Environment' means the environment around us which depends on our daily activities. The more importance we give to our lifestyle, the more beautiful the environment will be. In the present times, protection of the environment is as important as our breathing. Therefore, in our daily work, water conservation, forest conservation and tree plantation etc. are given equal importance as we give to food and water. In the present environment, decreasing area of forests, decreasing water level of rivers and other natural water sources and catastrophic flood situation at some places are having an adverse effect on the environment.
 Abstract in Hindi Language: 
 शोध पत्र 'समकालीन हिंदी साहित्य में पर्यावरण (वर्तमान परिवेश में) एक महत्वपूर्ण अवलोकन है।) पर्यावरण और मनुष्य में बड़ा निकटतम अंतर संबंध है,बिना प्रकृति के व्यक्ति के जीवन की परिकल्पना भी संभव है, मनुष्य एवं प्रकृति एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के घटक भूमि, जल, वायु,अग्नि एवं आकाश इसी से संपूर्ण मानव जाति का अस्तित्व बना है। इसी संदर्भ में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने प्रबंध काव्य रामचरितमानस में भी लिखा है-
 छिति जल पावक गगन समीरा ।
 पंच रचित अति अधम सरीरा ॥
 अर्थात प्रकृति के घटकों से ही हमारा जीवन बना है,इसलिए आवश्यक है कि हम प्रकृति के संरक्षण के प्रति सदैव सजग रहे। प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण से ही मानव जीवन सुरक्षित रह सकता है। 'पर्यावरण' अर्थात हमारे आसपास का वातावरण जो कि हमारी दैनिक चर्या पर निर्भर करता है। हम अपने रहन-सहन को जितना महत्व देंगे, वातावरण उतना ही सुंदर होगा। वर्तमान समय में पर्यावरण का संरक्षण उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हमारा सांस लेना। अतः अपने दैनिक कार्यों में जल संरक्षण, वन संरक्षण तथा वृक्षारोपण इत्यादि को भी उतना ही महत्व है जितना भोजन और पानी को देते हैं। वर्तमान परिवेश में वनों का घटता क्षेत्र फल,नदियों के घटते जल स्तर तथा अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों में घटता जल स्तर तथा कहीं-कहीं बाढ़ की भयावह स्थिति का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है ।
 Keywords: छिति, वैश्वीकरण
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