Abstract

मानव संसाधन को किसी भी भौगोलिक क्षेत्र के आर्थिक विकास का केंद्र बिंदु माना जाता है । किसी भी क्षेत्र या प्रदेश का विकास वहां के मानव संसाधन के विकास पर ही निर्भर करता है। यदि मानव संसाधन उच्च कौशल व तकनीकी ज्ञान से युक्त होगा तो वह प्रदेश विकसित अवस्था में होगा तथा यदि मानव संसाधन तकनीकी रूप से कमजोर या कौशल युक्त नहीं होगा तो उस क्षेत्र के संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं होने से वह पिछड़ी अवस्था में रहेगा । जनसंख्या तथा वहां के संसाधनों में समुचित तालमेल ही उस क्षेत्र के विकास का स्तर तय करता है । किसी भी प्रदेश में जनसंख्या व संसाधनों का अनुकूलतम वितरण होना उस क्षेत्र के भविष्य के लिए उपयोगी होता है ।

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