Abstract
डिजिटल पुस्तकालय’’ की संकल्पना एक इलेक्ट्रनिक माध्यम पर आधारित पुस्तकालय की अवधारणा से हैं, जिसमें प्रमुख रूप से पुस्तकालय में संग्रह ग्रंथों तथा कृतियों का स्वरूप इलेक्ट्रानिक यंत्रों तथा उपकरणों के द्वारा पढ़ा जा सकने वाला होता है। इसमें सूचना पथ गमन का आधार कम्पयूटर, मोबाईल, पामटाप या अन्य माध्यम हो सकते है। एक डिजिटल पुस्तकालय वर्तमान समय की अल्पावधि समय पर चाहि गई त्वरित ज्ञान मीमांसा को पूर्ण करने में सक्षमता प्रदान करती हैं। डिजिटल पुस्तकालय के वैश्वीकरण से किसी भी पुस्तकालय से घर बैंठै सेवाए प्राप्त की जा सकती है। पूर्व में जहाॅ उपयोगकर्ताओं को संस्था या सार्वजनिक पुस्तकालय की सेवा के लिए स्थापित पुस्तकालयों में आपनी ज्ञानार्जन की समाग्रीयों के लिए जाना पड़ता था वहीं वर्तमान के डिजिटल पुस्तकालय ज्ञानार्जन हेतु समाग्रीयों को अपने उपयोगकर्ता को उनके निवास स्थान या किसी भी जगह किसी भी समय आवश्यक सहायक माध्यमों के द्वारा पहुच संभव है। डेलनेट द्वारा वर्तमान में ऐसी ही सेवाएॅं अपने संस्थागत सदस्यों को प्रदान कर रही है। डेलनेट मुख्य रूप से भारत में एक विकाशील पुस्तकालय तंत्र की अवधारणा को पूर्ण करती है। जो की भारत में विभिन्न राज्यों में स्थापित अपने संस्थागत सदस्यों के लिए उनके डिजिटल संग्रह विकास हेतु तीव्र गति से कई गुणात्मक प्रभाव रखती है। जिससे डेलनेट के संस्थान सदस्यों के डिजिटल संग्रह में अविश्वसनीय बढ़ोत्तरी हुई है।
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